बिलासपुर। जिला उपभोक्ता आयोग ने बिजली बंद होने से आइसक्रीम पिघलने के मामले में राज्य विद्युत वितरण कंपनी को दोषी ठहराया है। आयोग ने कंपनी को निर्देश दिए कि आइसक्रीम पार्लर के संचालक को 20 हजार रुपए मुआवजा देना होगा। आयोग के निर्देश से साढ़े 3 साल बाद पार्लर संचालक को क्षतिपूर्ति मिल सकेगी।
मामला 2021 का है। पार्लर संचालक स्वराज घोष ने याचिका में बताया कि 16 और 17 फरवरी, 2021 को 24 घंटे तक बिजली बंद थी। इसके कारण पार्लर के आइसक्रीम और फ्रोजन उत्पादों को भारी नुकसान हुआ। शिकायत करने के बावजूद विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली सुधारने में लापरवाही बरती।
आयोग ने आदेश दिया कि विद्युत कंपनी को कुल 20,000 रुपये का हर्जाना भरना होगा। इनमें 6135 रुपये की क्षतिपूर्ति, उस पर 18 प्रतिशत ब्याज, मानसिक क्षति व वाद व्यय शामिल है। नियमानुसार, विद्युत कंपनी शहरी क्षेत्र में साधारण काम के लिए छह घंटे और बड़े कार्य के लिए 24 घंटे बिजली बंद कर सकती है। इस मामले में कंपनी ने साधारण काम के लिए बिना सूचना 24 घंटे बिजली बंद रखी थी।
विद्युत वितरण कंपनी ने तर्क दिया कि बिजली कटौती एक सामान्य प्रक्रिया है। उपभोक्ता के पास वैकल्पिक साधनों की व्यवस्था होनी चाहिए। बिजली की आपूर्ति की गारंटी नहीं दी जा सकती है। आयोग ने पाया कि परिवादी के पास वैध विद्युत कनेक्शन था और वह नियमित रूप से बिल का भुगतान कर रहा था।विद्युत कटौती के दौरान कंपनी ने लापरवाही बरती और शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, जिससे परिवादी को आर्थिक और मानसिक क्षति हुई।