copyright

बस्तर के बीजापुर में झमाझम बारिश, 30 गांव बने टापू.... कलेक्टर ने हाई कोर्ट ने दिया ये जवाब

 




बिलासपुर। बस्तर के बीजापुर में बारिश के दौरान 30 गांवों के पानी से घिरने के मामले में कलेक्टर ने हाईकोर्ट के समक्ष बुधवार को जवाब प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने कहा कि परेशानी को देखते हुए इन गांवों के ग्रामीणों को 4 माह का राशन एक साथ पहले ही दे दिया गया है। इसके साथ ही जिन गांवों में आने जाने में परेशानी है वहां बोट चलाए जा रहे हैं। कलेक्टर बीजापुर की ओर से यह भी कहा गया कि चिंतावागु नदी पर एक पुल भी बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को दिया गया जिस पर जल्द काम शुरू होगा। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 17 सिंतबर को होगी।







 बस्तर के बीजापुर क्षेत्र में भारी बारिश से लगभग 30 गांव टापू बन गए हैं। राशन लाने के लिए भी ग्रामीण नदी पार करने के चक्कर मे जिंदगी दांव पर लगाते हैं। लगभग 77 वर्ष से यही हालत है लेकिन सुधार नहीं हो रहा है। मीडिया में इन खबरों को आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। मामले में शासन को नोटिस जारी करने के साथ हालत सुधारने के उपायों पर बीजापुर कलेक्टर को शपथपत्र के साथ जवाब देने कहा गया था। 




 मामले में सरकार की ओर से कहा गया कि बीजापुर जिले के जो दूरस्थ क्षेत्र हैं, वहां इस तरह की समस्या आती है। उस स्थिति से उबरने के लिए पीडीएस दुकानों में 4 माह का राशन एक साथ प्रदाय किया जाता है, ताकि राशन वितरण में कोई बाधा न आए। इसके साथ ही राज्य सरकार की नीति है कि जहां न्यूनतम 500 हितग्राही हों, वहीं पीडीएस दुकानें खोली जाती हैं। मौजूदा मामले में जो गांव प्रभावित हैं, वहां लाभार्थियों की इतनी संख्या नहीं है। शासन ने आगे कहा कि चूंकि जल स्तर अब नीचे चला गया है, स्थिति कुछ दिनों पहले की तुलना में काफी बेहतर है और पीडीएस दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण में ग्रामीणों को कोई कठिनाई न हो, इसके लिए राज्य एवं जिला प्रशासन सभी उपाय कर रहा है।




यह पूरा मामला बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक का है। यहां चिंतावागु नदीं पर पुल नहीं बनाने के कारण गोरला पंचायत के सैकड़ो ग्रामीण राशन लाने के लिए जोखिम उठाकर उफनती नदी को पार कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क चावल पीडीएस की दुकानों पर दिए जाते हैं। मगर भारी बारिश के कारण बस्तर संभाग में बसे ग्रामीणों को यह राशन लेने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। यहां रहने वाले लोगों को उफनती चिंतावागु नदी को गंज के सहारे पार कर पीडीएस दुकान से राशन लाना पड़ता है, जो खतरनाक है। स्वास्थ्य सुविधा भी इस कारण बदहाल है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.