बिलासपुर। बिना अनुमति लगाए जा रहे धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक कार्यक्रमों के पंडाल से लोग त्रस्त हैं। दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किये गए।अब मामले में अगले माह सुनवाई होगी।
चीफ जस्टिस की डीबी में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने कुछ नये दस्तावेज भी प्रस्तुत किये। इसमें वर्तमान में हुए धार्मिक समारोहों के दौरान सार्वजिक स्थानों पर की गई गड़बड़ी का उलेख है। उनके अनुसार रायपुर शहर में वर्ष 2022, 2023, 2024 में गणेश और दुर्गा त्योहार में लगे पंडालों के लिए ना तो कलेक्टर कार्यालय से अनुमति ली गई थी ना ही नगर पालिक निगम से।
दोनों ही कार्यालयों ने उन्हें लिखित में बताया कि, इन तीनों वर्षों में गणेश पंडाल और दुर्गा पंडाल के लिए उनके द्वारा कोई भी अनुमति नहीं दी गई। त्योहारी सीजन के दौरान पूरे शहर में अव्यवस्था फैली रहती है। रायपुर की सकरी सडकों में, जहां पार्किंग की भी जगह नहीं मिलती, सड़क जाम कर, बिना अनुमति के विभिन्न आयोजन किए जाते हैं, जिससे आम नागरिकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन गृह (पुलिस) विभाग द्वारा 22 अप्रैल 2022 को जारी किए गए आदेश के अनुसार विभिन्न संस्थाओं-संगठनों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि, आयोजन के लिए जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति अनिवार्य रूप से प्राप्त करें। जिससे आम नागरिकों के आवागमन, बाजार व्यवस्था एवं सुरक्षा के उपाय करने तथा सुचारू रूप से प्रशासनिक व्यवस्था बनाई जा सके। आदेश में विविध, निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनीतिक व अन्य संगठन अथवा संस्थाओं के द्वारा विभिन्न आयोजन धरना, जुलूस, रैली, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक आदि आयोजन जिसमें भीड़ आती हो उसके लिए कलेक्टर की अनुमति अनिवार्य है, जिसके तहत निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर घोषणा पत्र देना होगा।