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कार्तिक पूर्णिमा पर महा आरती, ताल आरती एक लाख बातियों से की गई सांई नाथ की आरती







 साईं मावली पारिजात एक्सटेंशन कालोनी में कार्तिक मास के पूजन के तहत कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रातः काकड़ आरती के साथ पूर्णिमा की पूजा के स्वरूप त्रिपुरा जी का विशेष पाठ किया गया। पुरानी कथाओं के अनुसार आज के दिन भगवान शिव ने त्रिपुर का वध किया था इसीलिए आज विभिन्न शिव मंदिर में त्रिपुर के साथ पूजा की जाती है। इसके पश्चात 12:00 बजे सांई का करीब 300 भक्तों ने दुखाभिषेक किया। उसके बाद वही दूध भक्तों को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया तत्पश्चात आरती में उपस्थित भक्तों ने भाकर भाजी का प्रसाद ग्रहण किया आज शाम की आरती के साथ विभिन्न वाद्य यंत्रों के साथ ताल आरती की गई।








 साईबाबा की आरती के लिए 301 बातियों के 301 दीप बनाऐ गए और इसके द्वारा ही सभी भक्तों ने आरती की। इस अवसर पर कुछ समाजसेवियों व कलाकारों का सम्मान भी सांई मांउली द्वारा किया गया। जिनमें प्रमुख हैं --- योगेश करंजगावकर, शिवानी विठालकर , सुश्री ऊषा त्रिवेंदी व श्रीमती कौस्तूभी पालेकर। देवेश और कौस्तूभी द्वारा ताल आरती प्रस्तुत की गई। सोनल लुखे द्वारा सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया गया। 










 कृष्ण रूप में श्रीयुता व उनके बाल सहयोगियों ने मटकी फोड़ी व श्रीयुता ने बहुत ही मनभावन नृत्य से सबका मन मोह लिया। सांई सेवकों की मेहनत लगन व सांई के प्रति समर्पण से कार्तिक मास के असंख्य कार्यक्रम सम्पन्न हो सके। सभी पर सांई की कृपा बनी रहे। शेज आरती के समय दिलीप पात्रीकर जी ने इन शब्दों के साथ सांई मास का समापन किया और इसी के साथ श्रीयुता ने लड्डू गोपाल को सुला दिया।दीपक पात्रीकर दिव्या पात्रीकर सांई का दुग्धाभिषेक


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