बिलासपुर। चेक बाउंस के एक मामले में हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 5 लाख 44 हजार रुपए की जगह 8 लाख 44 हजार रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने अपीलार्थी को 45 दिन के भीतर इस राशि का भुगतान न करने पर ट्रायल कोर्ट के आदेशानुसार दंड का भागी बताया है ।
भारतीय नगर निवासी मनोज बिठालकर ने बंगालीपारा निवासी पीके राय से खमतराई स्थित एक खरीदी का सौदा 13 लाख 60 हजार रुपए में किया था। एग्रीमेंट के दौरान 8 लाख 16 हजार रुपए दिए गए। बाकी 5 लाख 44 हजार रुपए की राशि के 8 चेक मनोज बिठालकर ने पीके राय को दिए थे। यह सभी चेक लगाए गए और एक ही दिन सभी बाउंस हो गए। पीके राय की ओर से इसके जानकारी के साथ ही नोटिस मनोज बिठलकर को भेजा गया इसके बाद भी ना तो जवाब दिया गया और ना ही राशि दी गई। राय ने इसके बाद सिविल कोर्ट में केस दायर कर दिया। कोर्ट ने एक साल की सजा और 8 लाख 44 हजार रुपए भुगतान का आदेश दिया गया, इसमें मूल राशि 5 लाख 44 हजार और कुल मिलाकर 3 लाख जुर्माने की राशि शामिल की गई ।
एक दिन ही बाउंस
इसके खिलाफ मनोज बिठलकर ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन पेश कर अपील की। इसमें कहा गया कि चेक बाउंस के मामले में अधिकतम एक साथ तीन केस ही दायर किए जा सकते हैं। इस मामले में 8 चेक बाउंस को एक साथ ही मान्य नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रकरण में सभी चेक एक ही नोटिस में है। अनावेदक के अधिवक्ता धीरज वानखेड़े ने कहा कि सभी चेक अलग-अलग दिनांक में नहीं बल्कि एक ही दिन लगाए गए और बाउंस हुए है इसलिए यह पूरा मामला एक ही है, अलग-अलग नहीं। जस्टिस संजय के अग्रवाल ने इसे मान्य कर ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 5 लाख 44 हजार रुपए की जगह 8 लाख 44 हजार रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है।