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शासन के जवाब को पाया लीपापोती वाला, कोर्ट कमिश्नर करेंगे निरीक्षण, जानिए क्या है मामला

 





बिलासपुर। जिला अस्पताल में कई प्रमुख जांच न होने पर शासन के जवाब को कोर्ट ने लीपापोती वाला पाया। इससे असन्तुष्ट होकर कोर्ट ने सोमवार को कहा कि हम अपनी ओर से जांच कराएंगे। इसके साथ ही दो कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर 8 मई से पूर्व जिला अस्पताल का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।


जिला अस्पताल में रिएजेंट न होने पर कई तरह की जांच नहीं हो पा रही हैं। इस पर प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से शपथपत्र पर जवाब मांगा था। आज हुई सुनवाई में शासन ने शपथपत्र पर बताया कि अस्पताल में सभी प्रकार की जांच हो रही है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि हम अलग से इसकी जांच करा रहे हैं। इसके साथ ही एडवोकेट सूर्या डांगी और पलाश तिवारी को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर विस्तृत जांच के निर्देश दिये हैं। कमिश्नरों को आगामी 8 मई से पहले अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करना है,अगली सुनवाई 8 मई को होगी।

समाचार माध्यमों में प्रकाशित खबर में बताया गया कि, रिएजेंट की कमी के कारण जिला अस्पताल बिलासपुर में थाइराइड की जांच पिछले तीन माह से बंद है। इसके अलावा अन्य जांच भी नहीं हो पा रही हैं। गर्भवती महिलाओं व अन्य मरीजों को बाहर निजी लैब में जांच करानी पड़ रही है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा कई बार छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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