कोरबा। छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी पूरी करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव् साय की सरकार द्वारा गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल महतारी वंदन योजना की राशि प्रत्येक पंजीकृत पात्र हितग्राहियों के खाते में भेजने का काम अभी
कोरबा जिले में 2 लाख 95 हजार के लगभग यह संख्या है। अधिकांश आवेदकों के खाते में राशि पहुंच चुकी है जबकि कुछ लोग राशि के इंतजार में बैंकों का चक्कर काट रहे हैं। इसमें दिक्कत उन्हें हो रही है जिनके खाते में रकम नहीं आई है और वह आने वाली राशि का पता लगाने के लिए बैंकों के चक्कर रोज लगा रहे हैं। कुछ की राशि दूसरे के खाते में ट्रांसफर होना भी बताया जा रहा है। वैसे शासन द्वारा महतारी वंदन योजना का पोर्टल https://mahtarivandan.cgstate.gov.in/ भी आम लोगों की सुविधा के लिए जारी कर दिया गया है जिसमें वह आवेदन की स्थिति वाले कॉलम में जाकर देख रहे हैं कि उनका भुगतान किस खाते में हुआ है।
इस संबंध में जब कुछ आवेदकों से जानकारी ली गई तो ज्ञात हुआ कि आवेदन के साथ जो बैंक पासबुक का फोटोकॉपी जमा किया था उसे खाते में पैसा ना आकर वर्षों से लेन-देन में निष्क्रिय खाते में रकम आ गई है। अब ऐसे हितग्राहियों के लिए उक्त निष्क्रिय बैंक खाता को फिर संचालित कराने की समस्या खड़ी हो गई है। इन खातों को फिर से चालू करने के लिए उन्हें भागदौड़ करना पड़ रहा है और बैंको में भीड़ बढ़ने लगी हैं। कई ऐसे लोग मिले जिन्हें यह तक नहीं पता कि उनके द्वारा उक्त खाता कब खोला गया था और कब बंद हुआ और वर्तमान में यह खाता/फोटोकॉपी तक नहीं हैं।
0 क्या बताया आवेदकों ने
जैसे की कन्हैया ने बताया कि वह कोरबा में रहता है और शादी से पहले उसकी पत्नी का खाता झारखंड में संचालित था,महिला ने कोरबा में आवेदन जमा करते समय यहां संचालित नए खाते की फोटो कॉपी जमा कराई थी लेकिन जब पोर्टल में चेक किया तो उसकी राशि झारखंड में संचालित खाता में जमा हो गई है। ऐसा और लोगों के साथ भी हुआ है। एक आवेदिका ने योजना का लाभ लेने के लिए एक माह पहले ही नया खाता खुलवाया और आधार लिंक कराया जो कि उसका पहला खाता है लेकिन राशि किसी और के खाते में चली गई है, जो नंबर बताया जा रहा है उस नंबर का खाता उसने कभी खुलवाया ही नहीं तो भला राशि दूसरे खाते में कैसे ट्रांसफर हो गई। ऐसे ही एक अन्य महिला की जिस खाते में राशि जमा हुई है वह करीब आठ-नौ वर्ष पुराना खाता है जो उसने लोन लेने के लिए शुरू किया था और बाद में उसमें लेन-देन बंद हो गया, उस खाते को बंद तो नहीं कराया था लेकिन उस खाता के बारे में महिला को कोई जानकारी वर्तमान में नहीं थी। जब 1000 रूपये उक्त खाता में आने की जानकारी तब 9 साल पहले खुलवाए खाता की ओर ध्यान गया। इसी तरह एक युवक ने बताया कि उसकी पत्नी का खाता कई साल पहले बंद हो चुका है और वह बैंक में उसे फिर से चालू करने गया तो संबंधित अधिकारी ने खाता फिर से चालू नहीं होने की बात कह कर वापस लौटा दिया। अब इस बंद खाता में उसकी पत्नी की महतारी वंदन योजना की राशि जमा हुई है। इस तरह की समस्या अनेक महिलाओं के साथ उत्पन्न हुई है जिनके वर्षों से निष्क्रिय खाते में राशि ट्रांसफर हो गई है जबकि उन्होंने वर्तमान में संचालित बैंक खाता की जानकारी अपने आवेदन के साथ जमा कराया था।
0 कोई पेंशन नहीं ले रहे फिर भी कटौती
इसी क्रम में कई ऐसे आवेदक भी सामने आए जो ₹1000 प्राप्त करने के पात्र हैं किंतु उनकी राशि ₹500 ट्रांसफर हुई है। इन्होंने आश्चर्य किया है कि ऐसा कैसे हो गया! दरअसल महतारी वंदन योजना में विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा, निराश्रित पेंशन, सुखद सहारा आदि पेंशन का लाभ लेने वाली महिलाओं को मिलने वाले पेंशन राशि में से घटकर अंतर की राशि जमा किया जाना है और इस तरह उक्त महिला को कुल ₹1000 प्राप्त होंगे। योजना का फॉर्म भरवाते समय इसकी जानकारी आवेदकों से ली जाती रही लेकिन कइयों ने इस जानकारी को नहीं दिया। सामाज कल्याण विभाग, नगर पालिक निगम सहित नगरीय निकायों और पंचायत से ऐसे वर्ग की महिलाओं को जारी होने वाले पेंशन की राशि का मिलान कराया गया। इस हड़बड़ी अथवा तकनीकी त्रुटि से कई विवाहित महिलाओं का नाम भी पेंशनधारियों की सूची में शामिल हो गया और उन्हें ₹1000 की जगह ₹500 ट्रांसफर हुए हैं। ऐसी महिलाओं ने कटौती की गई राशि को वापस देने के लिए आवश्यक कार्य अथवा सुधार की अपेक्षा जाहिर की है। इन्हें इस बात का अंदेशा है कि अगर अभी सुधार नहीं हुआ तो साल भर इन्हें ₹500 ही मिलते रहेंगे जबकि एक ₹1000 मिलना चाहिए।
0 कुछ लोगों में 1000 से अधिक जमा..!
इस बीच कुछ महिलाओं के खाते में 1हजार रुपये की जगह 2 से 3 हजार रुपये तक जमा होने का मैसेज आने की जानकारी सामने लाई गई है। हालांकि जिन्हें ये अतिरिक्त राशि मिली है,वो सामने नहीं आये हैं लेकिन उत्सुकता वश पड़ोसी महिलाओं से बात शेयर किया तो इसका हल्ला उड़ा है। हम इसकी पुष्टि तो नहीं करते लेकिन बात तभी निकलती है,जब कुछ होता है।