गरियाबंद। जिले में पहाड़ों के ऊपर जनजाति बसाहट वाले ग्राम पंचायत आमामोरा और ओड में 20 से ज्यादा हैंडपंप मौजूद हैं, लेकिन सभी में लाल पानी यानी आयरन युक्त पानी निकलता है. इसलिए इन स्रोतों के पानी का उपयोग कभी पीने के लिए नहीं किया जाता. पंचायत मुख्यालय और उनके 5 आश्रित ग्रामों में झेरिया खोदा गया है. इसी झेरिया से ग्रामीण सालभर पीने के लिए पानी का इस्तेमाल करते हैं.
ओड के सरपंच रामसिंह सोरी कहते हैं कि वर्तमान में जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक घरों में नल का कनेक्शन भी लगाया गया है, पानी टंकी और पाइप लाइन का काम जारी है. इस योजना के तहत पुराने आयरन युक्त पानी स्रोत को कनेक्ट कर घर-घर पानी देने की तैयारी किया जा रही है, लेकिन इस पानी को कोई नही पी सकेगा. सरपंच ने कहा कि पहाड़ों में बसे ग्राम के सभी जल स्रोत में आयरन होने की जानकारी प्रशासन को है, बार बार रिमूवल प्लांट लगाने की तक मांग की जा चुकी है लेकिन इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया है.