बिलासपुर। सड़कों पर आवारा पशु घूमने से हो रही दुर्घटनाओं के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में गृह सचिव की ओर से कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जा सकी है। कोर्ट ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने एक सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई 4 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।
इस मुद्दे पर दायर दो जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई चल रही है। इनमें राजेश चिकारा और संजय रजक याचिका कर्ता है। याचिकाओं में कहा गया है कि मुख्य मार्गों और शहर की सड़कों पर पशुओं को खुला छोड़ दिया जाता है। इनकी वजह से अक्सर दुर्घटना हो जाती है। नेशनल हाइवे पर सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति है, जहाँ अन्धकार में सड़कों पर बैठे जानवरों से बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।.इनमे लोग मारे भी गये हैं। इस पर सरकार का कोई नियन्त्रण नही है। रोकथाम के लिये भी कुछ नही किया गया है।
प्रकरण पर पूर्व में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सारे नगर निगमों के अफसरों को तलब किया था। पूर्व में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने आवारा मवेशियों की संख्या पूछते हुए यह निर्देश भी दिया था कि शासन मवेशियों को हटाने के लिए चरवाहों का इंतजाम करे। साथ ही जवाबदार मालिकों पर पेनाल्टी लगाए।