copyright

ठेकेदारों और अफसरों का गठबंधन : कागजों में साफ़ गन्दा शहर, नाली जाम होने से लोग परेशान





बिलासपुर शहर साफ सुथरा रहे इसके लिए इंजीनियरों को भी जिम्मेदारी दी गई थी.  70 वार्डों में 70 अधिकारी नियुक्त किए गए थे जिसमें 27 इंजीनियर थे. इनको  टास्क दिया गया था कि वह सुबह 6:00 से जाकर लोगों की समस्याएं जानें और फीडबैक नोडल  अफसर को दे. डिप्टी सीएम अरुण साव  ने इसके लिए सप्ताह में तीन दिन सोमवार बुधवार और शुक्रवार निर्धारित किए थे. परंतु जमीन पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.  निगम को सबसे ज्यादा फंड स्वच्छता के लिए ही दिया जा रहा है. लेकिन इसका उपयोग जमीन पर ना के बराबर ही दिखाई पड़ता है. इसका कारण यह है कि जन  प्रतिनिधि से लेकर अधिकारी कर्मचारियों की सेटिंग स्वच्छता ठेकेदारों से है. यही कारण है कि शहर गंदा होते हुए भी कागजों में साफ सुथरा बता दिया जाता है. जोन  कमिश्नर अमित कुमार और डिप्टी सीएम अरुण साव  के आदेश के बाद भी अधिकारी और  कर्मचारी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. यदुनंदन  नगर के बाजार पारा  वार्ड के अश्वनी राजपूत से बातचीत करने पर न्यूज़ इंडिया को पता चला की जोन  कार्यालय में बार-बार शिकायत करने के बाद भी नालियों की सफाई नहीं हो रही है. गंदा पानी जमा हो जाने के कारण वार्ड वासियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.






 स्थिति का जायजा लेने पर यह पता चला कि जोन  1,2,7,8 अलग-अलग वार्डों में कहीं नाली जाम है तो सड़कों पर कचरा  है.  

  

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.