बिलासपुर। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने शीतकालीन अवकाश के बीच सिम्स से संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई की। उन्होंने कलेक्टर और सिम्स के डीन को तलब कर सिम्स की अव्यवस्थाओं, दवाओं की कमी और पार्किंग की समस्या पर नाराजगी जताई। मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।
प्रकरण की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस सिन्हा ने बेंच गठित की थी। सिम्स की अव्यवस्थाएं दूर नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कलेक्टर अवनीश शरण से कहा कि कल आप सिम्स गए थे, यह हमें अखबारों से पता चला है। आप जाइए फोटो खिंचाइए लेकिन, निरीक्षण के बाद अव्यवस्था दूर करने पर भी ध्यान दीजिए। गुरुवार को केस की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कलेक्टर अवनीश शरण से पूछा कि आप बिना ड्रेस कोड के कैसे पहुंच गए हैं। कलेक्टर ने बताया कि वे आफिस में बैठे थे। इसी बीच उन्हें कोर्ट आना पड़ा।
कलेक्टर ने कहा- बदहाली के लिए तीन कारण, जिम्मेदारों की हो चुकी पहचान
कलेक्टर अवनीश शरण ने सिम्स की बदहाली के लिए तीन कारण बताए। इसमें पहला कारण इंफ्रास्ट्रक्चर है जिसमें 75 प्रतिशत सुधार कर लिया गया है। दूसरा कारण क्लीनिकल है जिसमेें कुछ डाक्टर व नर्स है जो काम नहीं करते। कलेक्टर ने तीसरा कारण प्रबंधन की कमी को बताया। कलेक्टर ने कहा कि कुछ डाक्टर्स के अपने क्लीनिक है। इसलिए वे सिम्स पर ध्यान नहीं देते। कलेक्टर ने कहा कि लंबे समय से पदस्थ डॉक्टरों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इन ट्रबल मेकर्स की पहचान कर ली गई है। कलेक्टर ने कोर्ट से कहा कि व्यवस्था सुधारने के लिए एक सप्ताह का समय सिम्स प्रबंधन को दिया गया है।हाईकोर्ट के निर्देश के बाद से लगातार खामियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है। खुद चीफ सेक्रेटरी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक लेकर दिशा निर्देश दिए थे। जिसके बाद से वे खुद लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।
चीफ जस्टिस ने डीन से पूछा- इतने साल से पदस्थ है, क्या किया अब तक
डिवीजन बेंच ने सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे को फटकार लगाते हुए पूछा कि यहां कब से पोस्टेड हैं? डीन डॉ. सहारे ने बताया कि 2021 से यहां हैं। इस पर कोर्ट ने सवाल करते किया कि इतने साल से आप क्या कर रहे हैं। व्यवस्था सुधर क्यों नहीं रही है। केवल निरीक्षण करना ही आपका काम नहीं है। खामियों को दूर करने के लिए आपने क्या किया है? इस पर डीन डॉ. सहारे चुप्पी साधे रहे। कलेक्टर ने सिम्स का लगातार निरीक्षण कर दिक्कतों को दूर करने की बात कही। कलेक्टर ने कहा कि व्यवस्था बनाने के लिए पीडब्यूडी, नगर निगम, सीजीएमसी सब मिलकर काम कर रहे हैं।
जिला अस्पताल और सिम्स में दवाइयां क्यों नहीं
कोर्ट ने पूछा कि सिम्स और जिला अस्पताल को सीजीएमसी दवाइयां नहीं दे रहा है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, यह सब क्या है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर फंड दे रही है, जिसके बाद भी इस तरह की स्थिति क्यों है। दवाइयां सप्लाई नहीं करने पर डिवीजन बेंच ने सीजीएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।