26 फरवरी, बिलासपुर। हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों की अपील खारिज कर दी। ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को हाईकोर्ट ने बरक़रार रखा है। कोर्ट ने पाया कि इन सबका एक सामान उदेश्य हत्या करना ही था। इसी उद्येश्य को लेकर यह सब अवैधानिक रूप से एकत्र हुए थे।
26 फरवरी, बिलासपुर, प्रकरण के अनुसार 31 मार्च 2016 को दुर्ग जिले के पथर्रा में लगभग 8.30 बजे, जगन्नाथ भारती अपने मित्र अक्षय कुमार उर्फ राजू के साथ आ रहा था। जब वे जगन्नाथ के घर पहुंचे, तो उसने अपने मित्र अक्षय उर्फ राजू को पानी लाने के लिए कहा और इस मुद्दे पर उसके मित्र ने जगन्नाथ पर कुछ टिप्पणियां कीं। जिसे एक आरोपी की पत्नी ने सुना।
उसे लगा कि उन्होंने उस पर गंदी टिप्पणी की है, वह जगन्नाथ और अक्षय कुमार के घर आई और उनसे झगड़ा शुरू कर दिया। वह अपने घर वापस आई और अपने ससुर दशरथ भारती और पति कोमल को इसकी जानकारी दी। उस मुद्दे पर, अभियुक्तगण जगन्नाथ के घर आए और झगड़ा किया। इस दौरान आरोपी संजय, करण व नहुष ने लल्लू उर्फ दीपक के साथ मारपीट की, जिसके लिए उसने उनके विरुद्ध थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जब आरोपियों को पता चला कि उनके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है, तो उन्होंने लाठी, डंडा व फरसा लेकर गणेश भारती के घर पर हमला कर दिया। हमले में जगन्नाथ, विशाल भारती,,धनेश्वर, टेटे उर्फ संगीत व राहुल भारती तथा गणेश भारती भी आरोपियों से बचने के लिए अपने घरों से भागने लगे। गणेश भारती को छोड़कर सभी बाउंड्रीवाल फांदकर खेत की ओर भागे, लेकिन गणेश बाउंड्रीवाल फांद नहीं सका। आरोपियों ने लाठी, डंडा व फरसा से उस पर हमला कर दिया।
घायल गणेश को चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जगन्नाथ ने 1 अप्रैल 2016 को सुबह 4.05 बजे थाने में घटना की सूचना दी। रिपोर्ट में शिकायतकर्ता ने दशरथ सहित, कोमल भारती, नहुष भारती, करण भारती, पंचू टंडन, संजय भारती, अमूल टंडन, बोनागो उर्फ विनय टंडन, अविनाश टंडन, मेघनाथ टंडन, मनीष व बखारी को मारपीट में शामिल बताया। पुलिस कार्रवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को हत्या का दोषी पाकर धारा 348 , 302 , 149 के तहत 500 रु , दो हजार रु जुर्माने और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इन सबने ही हाईकोर्ट में अपील की।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभियुक्तों के विरुद्ध अभिलेख पर इस बात के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं कि उन्होंने फरसा, लाठी तथा बेस बॉल बैट जैसे घातक हथियारों से लैस होकर अवैध रूप से एकत्रित होकर गणेश के घर पर हमला किया। उनका उद्देश्य गणेश तथा अन्य व्यक्तियों की हत्या करना था। अभियुक्तों के हमले में ही उसकी मृत्यु हो गई। कोर्ट ने कहा कि हम आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित दोषसिद्धि और सजा की पुष्टि करते हैं और इसलिए, आरोपी व्यक्तियों द्वारा दायर की गई सभी अपीलें खारिज की जाती हैं।