बिलासपुर। पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। प्रदेश के चर्चित शराब घोटाला और मनी लांड्रिंग केस में पूर्व आईएएस जेल में हैं। पूर्व में एसीबी की कार्रवाई के खिलाफ टुटेजा द्वारा दायर की गई जमानत याचिका भी खारिज की जा चुकी है। इसके बाद ईडी के प्रकरण में उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी।
जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान टुटेजा के वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। राजनीतिक षडयंत्र के तहत उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है। ईडी की तरफ से उपमहाधिवक्ता डॉ. सौरभ पांडेय ने जमानत देने का विरोध करते कहा कि शराब घोटाला प्रकरण में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। उन्हें जमानत देने से गवाह और सबूत प्रभावित हो सकते हैं।ईडी की तरफ से कहा गया कि अब तक की जांच से पता चलता है कि याचिकाकर्ता अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर के साथ सिंडिकेट का मुख्य हिस्सा रहे हैं। ये स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक था। उसने सरकारी अफसर होने के नाते पद का दुरुपयोग किया। अन्य आरोपियों के साथ शराब की अवैध बिक्री में शामिल रहा। बता दें कि ईडी ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें अप्रैल 2024 में गिरफ्तार किया था।
इसके पूर्व 4 दिसंबर 2024 को भी कोर्ट ने एक अन्य मामले में टुटेजा की जमानत याचिका खारिज की थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लेख करते हुए सिंगल बेंच ने कड़ी टिप्पणी की थी कि उपरोक्त अपराध के लिए निर्धारित दंड की गंभीरता और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखना जरूरी है। भ्रष्टाचार राष्ट्र का दुश्मन है और भ्रष्ट लोक सेवकों का पता लगाना और ऐसे व्यक्तियों को दंडित करना आवश्यक है।