बिलासपुर। स्कूल- कॉलेजों के सामने नशे की सामग्री बिकने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। डिवीजन बेंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान प्राइवेट और सरकारी सभी स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने चिंता जताई और कहा कि ऐसे में बच्चे बिगड़ जाएंगे तो क्या होगा?
डिवीजन बेंच ने कहा कि कोटपा एक्ट का पालन होना चाहिए। शिक्षण संस्थानों के आसपास गुटखा, तंबाकू, सिगरेट दुकान हटाने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही, प्रदेश के मुख्य सचिव और नगर निगम को शपथपत्र में इसकी विस्तृत जानकारी देने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं। सुनवाई के दौरान
शासन और बिलासपुर निगम की ओर से बताया गया कि दुकानों से नशे सामग्री जब्त की गई है। स्कूल के आसपास की ऐसी दुकानों को बंद कराया जा रहा है। साथ ही कोटपा एक्ट का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 दिसंबर 2024 को रखी गई है।
उल्लेखनीय है कि शहर में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के पास रोड़ पर लगने वाले ठेलों, दुकानों में तंबाकू उत्पाद खुलेआम बेचे जा रहे हैं। इससे स्कूलों के आसपास का माहौल खराब हो रहा है। छात्रों पर इसका निगेटिव असर पड़ रहा है। स्कूल के आसपास का माहौल खराब हाे रहा है। ठेलों में गुटखा,तंबाकू लेने वालों की पूरे समय भीड़ लगी रहती है। इससे कभी भी कोई अप्रिय घटना की आशंका भी बनी रहती है।
शहर के रेलवे स्कूल के पास तंबाकू उत्पाद बिकने की खबर पर 15 नवम्बर को अवकाश के दिन भी चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने राज्य शासन, नगर निगम, स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा सचिव, बिलासपुर कलेक्टर और एसपी सहित कई विभागों के प्रमुख अफसरों को पक्षकार बनाया।