अयोध्या मे ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा ने पुरे देश मे इसे चुनावी मुद्दा बनाकर लोकसभा चुनाव मे लाभ लेने का पूरा प्रयास किया लेक़िन अयोध्या में भाजपा की करारी हार और उत्तरप्रदेश में सीटों की संख्या धड़ाम से नीचे आ जाने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता में कमी आने को लेकर पूरा देश स्तब्ध है साथ ही अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसकी प्रतिक्रिया हो रही है लेक़िन प्रयागराज के रहने वाले पंडित एस एन मिश्रा नें भाजपा को अयोध्या में हार का सामना करने पर जो प्रतिक्रिया दी है और भाजपा नेताओं को जिस प्रकार खरी खोटी सुनाते हुए आइना दिखाया है उसे हम यहाँ जस का तस दे रहे है. पंडित मिश्रा की प्रतिक्रिया से शायद भाजपा नेताओं की आँखे खुल जाये. पढ़ें पंडित एस एन मिश्रा की प्रतिक्रिया ::
*चेते भाजपा*
*सावधान भाजपा*
*आत्ममंथन भाजपा*
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व
और भाजपा वालों
आत्ममंथन करें
*दो दो बार*
प्रचण्ड बहुमत से
इसी उत्तर प्रदेश के हिंदुओं ने
भाजपा को संसदमें भेजा!
भेजा कि नहीं?
*दो दो 2–2 बार*
यही उत्तर प्रदेश यही हिन्दु योगी आदित्यनाथ को विधानसभा भेजा। भेजा कि नहीं। तब उत्तर प्रदेश गद्दार नही था। तब हिन्दू गद्दार नहीं था।
*दो दो बार*
यही उत्तर प्रदेश यही हिंदुओं ने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया। बनाया कि नहीं। तब उत्तर प्रदेश गद्दार नही था?
*जब पिछड भाई बहनो ने*
अपनी मूल पार्टी सपा को और अपने मूल नेता मुलायम सिंह और अखिलेश सिंह को ऊखाड फेका और मोदी जी को सिरहाने बैठाया योगी जी को गले लगाया तब पिछडा गद्दार नही था।
*जब दलित भाई बहनो ने*
अपनी मूल पार्टी और मूल नेता मायावती जी को छोडकर मोदी को दिल्ली की सत्ता पर और योगी को लखनऊ की सत्ता पर बैठाया तब दलित गद्दार नहीं था।
*भाजपा के मूल वोटरो को*
न कोई आरक्षण
न कोई सुविधा
न कोई तवज्जो
न कोई योजना
*भाजपा का मूल वोटर*
भाजपा का झंडा ढोयें
भाजपा के लिए लाठी खाएं
भाजपा के लिए जेल जाएं.
भाजपा के लिए दुश्मनी मोल लें
फिर भी जब ब्राहमण समाज और वैश्य समाज अधाधुंध जीवनपर्यन्त भाजपा को वोट दिए हैं तब ब्राहमण वैश्य गद्दार नहीं थे।
*आज उत्तर प्रदेश का ब्राहमण, क्षत्रिय, वैश्य, पिछडा दलित यानी हिंदु गद्दार हो गया ? कैसे हो गया ?*
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व
अपनी मनमानी करे तो रास लीला।
जनता जनार्दन अपना विकल्प खोजे
तो कैरेक्टर ढीला।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व
मूल कार्यकर्ताओ की
उपेक्षा करे तो रास लीला।
और जनता अपनी औकात
दिखा दे तो कैरेक्टर ढीला।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व
आयातित और भगोडो को
सर आखो पे बैठाए तो रास लीला।
जनता जनार्दन अपना विकल्प
चुने तो कैरेक्टर ढीला।
*भाजपा का शीर्ष नेतृत्व*
*उत्तर प्रदेश और हिंदुओं को गद्दार कहने से पूर्व आत्ममंथन कीजिए कि आप कहां कहां गलत थे।*
आपने स्कंदपुराण मे वर्णित काशी के 143 मंदिर गायब किए कि नहीं ?? क्यों गायब किए ?
आप ने अयोध्या मे कोरीडोर के नाम पर
करोडों का भ्रष्टाचार किया कि नही ?
आपने लाल किले की प्राचीर से
गौरक्षको को निशाने पर लिया कि नहीं?
आपने गौ हत्यारो से चं
दा लिया कि नहीं ??
लिया तो क्यो चंदा लिया?
गद्दार कौन?
और यदि इसे आप कोर्ट का निर्णय मानते हैं तो राम मंदिर का श्रेय भी कोर्ट को दीजिए।
*आपने 300 से ज्यादा कारसेवको के हत्यारे मुलायम सिंह को पद्म विभूषण दिया कि नहीं और क्यों दिया ?*
आप निहत्थे कारसैवको पर गोली चलवाने को पद्म श्री देंगे। इसका मतलब आडवाणी जी गलत थे , कल्याण सिंह जी गलत थे , उमाभारती जी गलत थी। सभी कारसेवक गलत थे। सभी भाजपाई और उनका उद्देश्य गलत था।
कारसैवको के निर्मम हत्या या बलिदान पर ही भाजपा सत्ता में आई। किसी कारसैवक को भाजपा ने सम्मानित किया। उनके आश्रितो को कोई सहयोग राशि भाजपा या संघ ने कभी सहयोग दिया?
उडीसा मे भाजपा की राज्य सरकार बन गई। लेकिन उडीसा मे दारासिंह का बलिदान से भाजपा सत्ता मे आई। उडीसा मे अपना सर्वस्व दारासिंह जी आज भी जेल मे है। भाजपा ने कभी दारा सिह के बारे मे सोचा ।
गद्दार कौन?
*हिन्दु जनता ने मोदी को तरजीह दिया था गोधरा कांड पर। हिन्दुओ का खुला पक्ष लेने पर। हिन्दुओ ने सबका साथ सबका विकास के लिए मोदी को वोट नही दिया था।*
मुस्लिमो को सबसे ज्यादा योजनाए किसने दिया? सरकारी योजनाओँ को मुस्लिमो को सबसे ज्यादा लाभ किसने दिया? मु्सलिमो को मुस्लिम IAS/IPS धुँआधार एपोईन्ट किए की नहीं ….?
तब गद्दार कौन..?
*यह कडवा सच है कि पुलिस भर्ती की लापरवाही से सर्व समाज के सभी युवाओ ने सवर्ण युवा ने भी सपा के अखिलेश को ही वोट दिया।*
कितना दुखद कितना शर्मनाक
प्राईवेटाईझेशन कर कर के सरकारी नोकरियों आपने खत्म की कि नहीं सरकारी नौकरी किसने खत्म की..? भाजपा बेरोजगार और सुयोग्य युवाओ के लिए सीमित ही सही लेकिन नई नई भर्तियां निकालें। प्रत्येक 6 -6 महीने के अन्तराल मे नियमित निकालें। एक वर्ष के भीतर नियुक्ति
दे।
भ्रष्ट..हिन्दू विरोधी नेताओ,विधायको को और सांसदो को भगोडे नेताओ को भाजपा में लाया, टिकट दिया और भाजपा कैडर के तपस्वी, समर्पित पदाधिकारियो को साईड मे भेजा। दरी बिछाने पे लगाया। उपेक्षा किया।
..गद्दार कौन..??
हिन्दूओ को गाली क्यो देतो हो
हिन्दू को वोट से सत्ता पाने के बाद
सब का साथ सब का विकास ऐसा हिन्दू ने तो नहीं कहा था..
गद्दार कौन??
चुनाव के जब दो चरण बाकी थे तब आपने कह दिया भाजपा तो सक्षम है
अब भाजपा को RSS की जरूरत नहीं..!! RRS ही माई बाप और RSS की ही उपेक्षा।
भाजपा के जो जो कार्यकर्ता और जो जो पदाधिकरी अपना अपना जीवन का सर्वस्व भाजपा मे दे दिए या खपा दिए टिकट मे जमीनी समर्पित उनकी उपेक्षा क्यो ?
*इतना घमंड क्यो ?*
*इतना गूरूर क्यो ?*
*इतना मगरूर क्यो ?*
कोग्रेस मुक्त भारत के बजाय
कोग्रेस युक्त भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने बनाई थी या हिन्दूओ ने ? क्या ..?
बोलो मुंह खोलो?
जो जो प्रत्याशी सनातन विरोधी थे, हिन्दी, हिन्दु और हिन्दुस्तान विरोधी थे, जो जो राम पर, कृष्ण पर, रामायण पर, तुलसीदास पर ऊंटपटाग प्रहार करते रहे, सनातन को निशाने पर लेते रहे। जिला मे, राज्य मे और केन्द्र मे होते हुए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व धृतराष्ट्र बना रहा क्यों ?
गद्दार कौन..?
आप अहंकार में इतने मदमस्त हो गये थे कि आपने अनुचित नारा, अहंकारी, दम्भी नारा, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएगे , राम को लाने का दंभ पाल लिया। शीर्ष नेतृत्व के इस अहंकार का दमन जनता जनार्दन ने किया जो अति आवश्यक था।
*देखिए,*
*इसी देश के हिंदुओं ने*
*दो दो बार भाजपा को सदन भेजा है।*
आपके बिना हिन्दू क्या करेगा..ऐसा सोचना बंध कीजिये… हिन्दू है तो आप है.. आपके कारण हिन्दू नहीं है।
हिन्दुओं का सर्वोच्च देव ईश्वर है।
ईश्वर के बाद वेद हैं।
वेद के बाद शंकराचार्य जी हैं।
केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व शंकराचार्य जी को हमेशा उपेक्षित करता रहा, फजीहत कराता रहा जबकि पसमांदई मुसलिमो और सऊदी अरब के शेखौ के गले मिलता रहा। जनता जनार्दन अंधी है क्या?
भाजपा को बहुमत से अल्पमत मे लाना, असहाय विपक्ष को मजबूत करना यह जनता जनार्दन का भौंह रूप है। अभी जनता जनार्दन की तीसरी नेत्र खुलना बाकी है। जनता जनार्दन ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सजा तो दिया लेकिन सपा बसपा कागेस को संजीवनी तो दिया लेकिन उठने नही दिया।
*जनता द्वारा पर्याप्त बहुमत न देना*
इस देश के जनता जनार्दन के लोकतंत्र का ये पहला दंड है अल्पमत सरकार । दूसरा दंडा होगा सत्ता से बाहर करना। तीसरा दंड होगा वनवास कर नेपथ्य मे भेजना ।
*इसलिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व*
जनता जनार्दन का आदेश शिरोधार्य करें। जनता जनार्दन का निर्णय स्वीकार करें।नुक्ता चीनी न करें।
*अगर आप हिन्दू बचाना चाहते है तो*
तो भाजपा शास्त्र सम्मत कार्य करे। शंकराचार्यो का समादर करे। शंकराचार्यो से मंत्रणा करे। शंकराचार्यो का मार्गदशन लें। शंकराचार्य वेद, पुराण, उपनिषद में निष्णान्त हैं। शंकराचार्य ही सनातन धर्म की धुरी है और व्याख्याता हैं। वेद शास्त्र और शंकराचार्य। शंकराचार्योओ से , संतों से क्षमा याचना करें , ईश्वर से क्षमा मांगे और अपनी वाजिब कमियों का मूल्यांकन का अवकलन करेँ ।
*एक बात और*
भगवान राम जब जब कोई नया काम करते थे या जब जब कोई नया निर्णय लेते थे तब तब श्री राम जी सबकी सलाह लेते थे। सुग्रीव की, जामवंत की, हनुमान की, अंगद और नल नील की भी ।
*लेकिन भाजपा ने*
अपने जमीनी कार्यकर्ताओ की अनदेखी की और जमीनी समर्पित पदाधिकारियो की कभी न सुनी। आज भी नहीं सुन रही। यदि कार्यकर्ताओ ने और जमीनी पदाधिकारियो ने कभी अपनी संगठन की पीडा रखनी भी चाही तो उन्होने डांट के बैठा दिया गया या उन्हे मीटिंग रूम से बाहर कर दिया गया। पूर्णतया अनुचित अव्यवहारिक।जो अपनी पेड के जड को नही सींचता पहले उसका पेड फिर वो खुद सूख जाता है।
*भाजपा अपनी एक कमी दूर कर ले।* सपा सरकार मे सपा के छोटे छोट कार्यकताओ तक की सुनी जाती है।बसपा सरकार मे बसपा कार्यकर्ताओ की सुनी जाती है। कांगेस हो या राजद या कोई और सबकी सरकार मे उनके पार्टियों और कार्यकर्ताओ की सुनी जाती है। सपा, बसपा, कांग्रेस और सभी पार्टियो मे सभी विधायको और सभी सांसदो की सुनवाई होती है, सबके पास अधिकार होते हैं।
*लेकिन भाजपा सरकार में*
भाजपा पदाधिकारियो, भाजपा कार्यकर्ताओं की एक नहीं सुनी जाती। आज भी नही सुनी जाती। आदर्शवाद का घुट्टी पिला दी जाती हैं। अब अटल, कल्याण सिंह, उमाभारती, सुदरलाल पटवा की भाजपा नहीं रही। सारा अधिकार सारा निर्णय मोदी और योगी के पास सुरक्षित। भाजपा के मोदी और योगी केवल प्रचार करें तो ज्यादा लाभ होगा? या योगी और मोदी के साथ साथ भाजपा के सभी सांसद और सभी विधायक सभी 1–1 पदाधिकारी और सभी 1–1 कार्यकर्ता प्रचार करेंगे तो भाजपा को लाभ होगा ? क्रिकेट टीम में केवल 2 खिलाडी रन बनायेगे तो ज्यादा रन बनेगा? या क्रिकेट टीम के सभी 11 खिलाडी अपने अपने हिस्से का रन बनायेंगे तो ज्यादा रन बनेगा ? ये भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सोचना है।
*इसलिए अभी भी समय है*
चेत जाए भाजपा
चेत जाए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व
*हिंदुओं को गद्दार*
*कहने से कुछ नहीं होगा।*
*पहले अपना*
*आत्म मूल्यांकन करे भाजपा**Pt. S N शुक्ल जी की कलम से*
*चेते भाजपा*
*सावधान भाजपा*
*आत्ममंथन भाजपा*
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व
और भाजपा वाले
आत्ममंथन करें
*दो दो बार*
प्रचण्ड बहुमत से
इसी उत्तर प्रदेश के हिंदुओं ने
भाजपा को संसदमें भेजा!
भेजा कि नहीं?
*दो दो 2–2 बार*
यही उत्तर प्रदेश यही हिन्दु योगी आदित्यनाथ को विधानसभा भेजा। भेजा कि नहीं। तब उत्तर प्रदेश गद्दार नही था। तब हिन्दू गद्दार नहीं था।
*दो दो बार*
यही उत्तर प्रदेश यही हिंदुओं ने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया। बनाया कि नहीं। तब उत्तर प्रदेश गद्दार नही था?
*जब पिछड भाई बहनो ने*
अपनी मूल पार्टी सपा को और अपने मूल नेता मुलायम सिंह और अखिलेश सिंह को ऊखाड फेका और मोदी जी को सिरहाने बैठाया योगी जी को गले लगाया तब पिछडा गद्दार नही था।
*जब दलित भाई बहनो ने*
अपनी मूल पार्टी और मूल नेता मायावती जी को छोडकर मोदी को दिल्ली की सत्ता पर और योगी को लखनऊ की सत्ता पर बैठाया तब दलित गद्दार नहीं था।
*भाजपा के मूल वोटरो को*
न कोई आरक्षण
न कोई सुविधा
न कोई तवज्जो
न कोई योजना
*भाजपा का मूल वोटर*
भाजपा का झंडा ढोयें
भाजपा के लिए लाठी खाएं
भाजपा के लिए जेल जाएं.
भाजपा के लिए दुश्मनी मोल लें
फिर भी जब ब्राहमण समाज और वैश्य समाज अधाधुंध जीवनपर्यन्त भाजपा को वोट दिए हैं तब ब्राहमण वैश्य गद्दार नहीं थे।
*आज उत्तर प्रदेश का ब्राहमण, क्षत्रिय, वैश्य, पिछडा दलित यानी हिंदु गद्दार हो गया ? कैसे हो गया ?*
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व
अपनी मनमानी करे तो रास लीला।
जनता जनार्दन अपना विकल्प खोजे
तो कैरेक्टर ढीला।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व
मूल कार्यकर्ताओ की
उपेक्षा करे तो रास लीला।
और जनता अपनी औकात
दिखा दे तो कैरेक्टर ढीला।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व
आयातित और भगोडो को
सर आखो पे बैठाए तो रास लीला।
जनता जनार्दन अपना विकल्प
चुने तो कैरेक्टर ढीला।
*भाजपा का शीर्ष नेतृत्व*
*उत्तर प्रदेश और हिंदुओं को गद्दार कहने से पूर्व आत्ममंथन कीजिए कि आप कहां कहां गलत थे।*
आपने स्कंदपुराण मे वर्णित काशी के 143 मंदिर गायब किए कि नहीं ?? क्यों गायब किए ?
आप ने अयोध्या मे कोरीडोर के नाम पर
करोडों का भ्रष्टाचार किया कि नही ?
आपने लाल किले की प्राचीर से
गौरक्षको को निशाने पर लिया कि नहीं?
आपने गौ हत्यारो से चं
दा लिया कि नहीं ??
लिया तो क्यो चंदा लिया?
गद्दार कौन?
और यदि इसे आप कोर्ट का निर्णय मानते हैं तो राम मंदिर का श्रेय भी कोर्ट को दीजिए।
*आपने 300 से ज्यादा कारसेवको के हत्यारे मुलायम सिंह को पद्म विभूषण दिया कि नहीं और क्यों दिया ?*
आप निहत्थे कारसैवको पर गोली चलवाने को पद्म श्री देंगे। इसका मतलब आडवाणी जी गलत थे , कल्याण सिंह जी गलत थे , उमाभारती जी गलत थी। सभी कारसेवक गलत थे। सभी भाजपाई और उनका उद्देश्य गलत था।
कारसैवको के निर्मम हत्या या बलिदान पर ही भाजपा सत्ता में आई। किसी कारसैवक को भाजपा ने सम्मानित किया। उनके आश्रितो को कोई सहयोग राशि भाजपा या संघ ने कभी सहयोग दिया?
उडीसा मे भाजपा की राज्य सरकार बन गई। लेकिन उडीसा मे दारासिंह का बलिदान से भाजपा सत्ता मे आई। उडीसा मे अपना सर्वस्व दारासिंह जी आज भी जेल मे है। भाजपा ने कभी दारा सिह के बारे मे सोचा ।
गद्दार कौन?
*हिन्दु जनता ने मोदी को तरजीह दिया था गोधरा कांड पर। हिन्दुओ का खुला पक्ष लेने पर। हिन्दुओ ने सबका साथ सबका विकास के लिए मोदी को वोट नही दिया था।*
मुस्लिमो को सबसे ज्यादा योजनाए किसने दिया? सरकारी योजनाओँ को मुस्लिमो को सबसे ज्यादा लाभ किसने दिया? मु्सलिमो को मुस्लिम IAS/IPS धुँआधार एपोईन्ट किए की नहीं ….?
तब गद्दार कौन..?
*यह कडवा सच है कि पुलिस भर्ती की लापरवाही से सर्व समाज के सभी युवाओ ने सवर्ण युवा ने भी सपा के अखिलेश को ही वोट दिया।*
कितना दुखद कितना शर्मनाक
प्राईवेटाईझेशन कर कर के सरकारी नोकरियों आपने खत्म की कि नहीं सरकारी नौकरी किसने खत्म की..? भाजपा बेरोजगार और सुयोग्य युवाओ के लिए सीमित ही सही लेकिन नई नई भर्तियां निकालें। प्रत्येक 6 -6 महीने के अन्तराल मे नियमित निकालें। एक वर्ष के भीतर नियुक्ति
दे।
भ्रष्ट..हिन्दू विरोधी नेताओ,विधायको को और सांसदो को भगोडे नेताओ को भाजपा में लाया, टिकट दिया और भाजपा कैडर के तपस्वी, समर्पित पदाधिकारियो को साईड मे भेजा। दरी बिछाने पे लगाया। उपेक्षा किया।
..गद्दार कौन..??
हिन्दूओ को गाली क्यो देतो हो
हिन्दू को वोट से सत्ता पाने के बाद
सब का साथ सब का विकास ऐसा हिन्दू ने तो नहीं कहा था..
गद्दार कौन??
चुनाव के जब दो चरण बाकी थे तब आपने कह दिया भाजपा तो सक्षम है
अब भाजपा को RSS की जरूरत नहीं..!! RRS ही माई बाप और RSS की ही उपेक्षा।
भाजपा के जो जो कार्यकर्ता और जो जो पदाधिकरी अपना अपना जीवन का सर्वस्व भाजपा मे दे दिए या खपा दिए टिकट मे जमीनी समर्पित उनकी उपेक्षा क्यो ?
*इतना घमंड क्यो ?*
*इतना गूरूर क्यो ?*
*इतना मगरूर क्यो ?*
कोग्रेस मुक्त भारत के बजाय
कोग्रेस युक्त भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने बनाई थी या हिन्दूओ ने ? क्या ..?
बोलो मुंह खोलो?
जो जो प्रत्याशी सनातन विरोधी थे, हिन्दी, हिन्दु और हिन्दुस्तान विरोधी थे, जो जो राम पर, कृष्ण पर, रामायण पर, तुलसीदास पर ऊंटपटाग प्रहार करते रहे, सनातन को निशाने पर लेते रहे। जिला मे, राज्य मे और केन्द्र मे होते हुए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व धृतराष्ट्र बना रहा क्यों ?
गद्दार कौन..?
आप अहंकार में इतने मदमस्त हो गये थे कि आपने अनुचित नारा, अहंकारी, दम्भी नारा, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएगे , राम को लाने का दंभ पाल लिया। शीर्ष नेतृत्व के इस अहंकार का दमन जनता जनार्दन ने किया जो अति आवश्यक था।
*देखिए,*
*इसी देश के हिंदुओं ने*
*दो दो बार भाजपा को सदन भेजा है।*
आपके बिना हिन्दू क्या करेगा..ऐसा सोचना बंध कीजिये… हिन्दू है तो आप है.. आपके कारण हिन्दू नहीं है।
हिन्दुओं का सर्वोच्च देव ईश्वर है।
ईश्वर के बाद वेद हैं।
वेद के बाद शंकराचार्य जी हैं।
केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व शंकराचार्य जी को हमेशा उपेक्षित करता रहा, फजीहत कराता रहा जबकि पसमांदई मुसलिमो और सऊदी अरब के शेखौ के गले मिलता रहा। जनता जनार्दन अंधी है क्या?
भाजपा को बहुमत से अल्पमत मे लाना, असहाय विपक्ष को मजबूत करना यह जनता जनार्दन का भौंह रूप है। अभी जनता जनार्दन की तीसरी नेत्र खुलना बाकी है। जनता जनार्दन ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सजा तो दिया लेकिन सपा बसपा कागेस को संजीवनी तो दिया लेकिन उठने नही दिया।
*जनता द्वारा पर्याप्त बहुमत न देना*
इस देश के जनता जनार्दन के लोकतंत्र का ये पहला दंड है अल्पमत सरकार । दूसरा दंडा होगा सत्ता से बाहर करना। तीसरा दंड होगा वनवास कर नेपथ्य मे भेजना ।
*इसलिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व*
जनता जनार्दन का आदेश शिरोधार्य करें। जनता जनार्दन का निर्णय स्वीकार करें।नुक्ता चीनी न करें।
*अगर आप हिन्दू बचाना चाहते है तो*
तो भाजपा शास्त्र सम्मत कार्य करे। शंकराचार्यो का समादर करे। शंकराचार्यो से मंत्रणा करे। शंकराचार्यो का मार्गदशन लें। शंकराचार्य वेद, पुराण, उपनिषद में निष्णान्त हैं। शंकराचार्य ही सनातन धर्म की धुरी है और व्याख्याता हैं। वेद शास्त्र और शंकराचार्य। शंकराचार्योओ से , संतों से क्षमा याचना करें , ईश्वर से क्षमा मांगे और अपनी वाजिब कमियों का मूल्यांकन का अवकलन करेँ ।
*एक बात और*
भगवान राम जब जब कोई नया काम करते थे या जब जब कोई नया निर्णय लेते थे तब तब श्री राम जी सबकी सलाह लेते थे। सुग्रीव की, जामवंत की, हनुमान की, अंगद और नल नील की भी ।
*लेकिन भाजपा ने*
अपने जमीनी कार्यकर्ताओ की अनदेखी की और जमीनी समर्पित पदाधिकारियो की कभी न सुनी। आज भी नहीं सुन रही। यदि कार्यकर्ताओ ने और जमीनी पदाधिकारियो ने कभी अपनी संगठन की पीडा रखनी भी चाही तो उन्होने डांट के बैठा दिया गया या उन्हे मीटिंग रूम से बाहर कर दिया गया। पूर्णतया अनुचित अव्यवहारिक।जो अपनी पेड के जड को नही सींचता पहले उसका पेड फिर वो खुद सूख जाता है।
*भाजपा अपनी एक कमी दूर कर ले।* सपा सरकार मे सपा के छोटे छोट कार्यकताओ तक की सुनी जाती है।बसपा सरकार मे बसपा कार्यकर्ताओ की सुनी जाती है। कांगेस हो या राजद या कोई और सबकी सरकार मे उनके पार्टियों और कार्यकर्ताओ की सुनी जाती है। सपा, बसपा, कांग्रेस और सभी पार्टियो मे सभी विधायको और सभी सांसदो की सुनवाई होती है, सबके पास अधिकार होते हैं।
*लेकिन भाजपा सरकार में*
भाजपा पदाधिकारियो, भाजपा कार्यकर्ताओं की एक नहीं सुनी जाती। आज भी नही सुनी जाती। आदर्शवाद का घुट्टी पिला दी जाती हैं। अब अटल, कल्याण सिंह, उमाभारती, सुदरलाल पटवा की भाजपा नहीं रही। सारा अधिकार सारा निर्णय मोदी और योगी के पास सुरक्षित। भाजपा के मोदी और योगी केवल प्रचार करें तो ज्यादा लाभ होगा? या योगी और मोदी के साथ साथ भाजपा के सभी सांसद और सभी विधायक सभी 1–1 पदाधिकारी और सभी 1–1 कार्यकर्ता प्रचार करेंगे तो भाजपा को लाभ होगा ? क्रिकेट टीम में केवल 2 खिलाडी रन बनायेगे तो ज्यादा रन बनेगा? या क्रिकेट टीम के सभी 11 खिलाडी अपने अपने हिस्से का रन बनायेंगे तो ज्यादा रन बनेगा ? ये भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सोचना है।
*इसलिए अभी भी समय है*
चेत जाए भाजपा
चेत जाए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व
*हिंदुओं को गद्दार*
*कहने से कुछ नहीं होगा।*
*पहले अपना*
*आत्म मूल्यांकन करे भाजपा के नेता