बिलासपुर. दो साल पहले जिस लागिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग कर एपीएल कार्ड नंबर को डिलीट कर बीपीएल बनाया गया उस समय सेवानिवृत्त खाद्य नियंत्रक राजेश शर्मा प्रभार में थे। दरअसल विभाग प्रमुख को आइडी लागिन और पासवर्ड दिया जाता है। मीडिया से चर्चा के दौरान शर्मा ने बताया कि मेरे लागिन व पासवर्ड का उपयोग प्रोग्रामर कर रहा था। इस संबंध में मुझे जानकारी नहीं है।
खाद्य विभाग की ओर से जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच बीपीएल कार्डधारियों के राशन कार्ड का नवीनीकरण किया गया था। इसकी आड़ में सैकड़ों हितग्राहियों के एपीएल कार्ड के नंबर को विलोपित कर बीपीएल में बदल दिए जाने की शिकायत मिली लेकिन इस फर्जीवाड़े की हितग्राहियों को भनक तक नहीं लगी। इसी तरह कार्ड के जरिए हर माह लाखों क्विंटल चावल की हेराफेरी हो रही थी। मीडिया के पर्दाफाश करने के बाद खाद्य विभाग की ओर से की गई जांच में सिर्फ सेल्समैन को दोषी ठहराया जा रहा है। उसके खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रतिवेदन भेजा गया है। विभागीय जांच पर इसलिए सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि बिना खाद्य नियंत्रक के आईडी और पासवर्ड का उपयोग किए बिना एपीएल राशन कार्ड के नंबर को विलोपित नहीं किया जा सकता है। जिस समय यह गड़बड़ी की गई उस दौरान खाद्य नियंत्रक राजेश शर्मा थे। वहीं खाद्य निरीक्षक मनोज बघेल थे। वर्तमान में राजेश शर्मा सेवानिवृत हो चुके हैं। वहीं मनोज बघेल का तबादला रायपुर किया गया है। चर्चा के दौरान राजेश शर्मा ने बताया कि मैं लागिन आईडी का उपयोग नहीं करता था। प्रोग्रामर ही मेरे लागिन आईडी का उपयोग कर रहे थे। इसकी सारी जवाबदारी प्रोग्रामर की है।
शुरुआती जांच में विनोबा नगर की माता दी खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति मर्यादित और डीपूपारा में संचालित संस्कृति महिला समूह की राशन दुकान जांच के दायरे में आई हैं। जानकारी के मुताबिक इन दोनों दुकानों को सेल्समैन रवि परियानी चलाता है। खाद्य विभाग ने अभी तक सिर्फ जय माता दी खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति मर्यादित विनोबा नगर को ही निलंबित किया है। डीपूपारा की दुकान के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है।
सरकारी राशन में घोटाले की जांच में खाद्य विभाग के अफसरों की लीपापोती सामने आ रही है। एपीएल से बीपीएल कार्ड बनाने में विक्रेता भूमिका सामने आने के बाद खाद्य विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर विक्रेता के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर की तैयारी है। यहां सवाल यह उठ रहा है कि इस षड़यंत्र अकेले विक्रेता की ही भूमिका है। विशेषज्ञों का कहना है कि खाद्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर यह घोटाला नहीं हो सकता है।
सरकारी राशन गड़बड़ी मामले में कलेक्टर के आदेश पर खाद्य विभाग ने जांच दल गठित की। टीम ने जांच के दौरान पाया कि राशनकार्डधारियों जय प्रकाश द्विवेदी पिता बी.पी. द्विवेदी, सतीश चन्द्र सूरी पिता एस.एल. सूरी, चन्द्रनाथ चटर्जी पिता स्व. जी.डी. चटर्जी एवं रश्मि जैन पति सिद्धार्थ जैन को बीपीएल राशनकार्ड बनाकर सरकारी राशन गबन करने की पुष्टि हुई।
विभाग प्रमुख को लागिन आईडी और पासवर्ड दिया जाता है। आमतौर पर इसका उपयोग अधिकारी ना कर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को देते हैं। मेरे कार्यकाल के दौरान प्रोग्रामर मेरे लागिन आईडी का उपयोग कर रहे थे। अगर इसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ हुई है तो इसकी जवाबदारी मेरी नहीं है।