सरकार बदल गई परंतु अवैध कारोबार नही बंद हो सका कांग्रेस सरकार के समय अवैध प्लाटिंग रेत माफिया भुमाफिया नशे के सौदागर जुआं सट्टा कोयला कारोबारी आज भी नाम चेहरा बदलकर धड़ल्ले से कर रहे कारोबार आखिर किसके परमिशन से? ईनको कौन देता है संरक्षण?
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और महासमुंद जिले के बीच से गुजरने वाली जीवनदायिनी महानदी इन दिनों प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है. रायपुर के आरंग और महासमुंद जिले के हिस्से में महानदी के दोनों तरफ रेत खनन करने वाले बिना स्वीकृति दिन-रात बेतहाशा प्रशासन के नाक के नीचे रेत की चोरी कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी रायपुर और महासमुंद जिले के खनिज और प्रशासनिक अफसरों को नहीं है. सब जानकर भी अफसर कुभकर्णीय नींद में सोए हुए है. ऐसे में खनिज माफिया छत्तीसगढ़ की साय सरकार को करोड़ के राजस्व का चूना हर माह लगा रहे है.
यही नहीं ये माफिया महानदी तट को काट कर मिट्टी से रैंप बनाने में उपयोग कर रहे है, जिससे महानदी लगातार अपना अस्तित्व खोते नजर आ रही है. महानदी से रेत खनन करने वाले रायपुर के आरंग क्षेत्र से लगे गांवों के घाटों के रास्ते प्रवेश कर अपनी स्वीकृत स्थल को छोड़कर न केवल आरंग के बल्कि अन्य क्षेत्र से और नदी के भीतर से ही महासमुंद जिले के हिस्से से भी रेत का अंधाधुंध खनन कर रहे हैं और फिर रायपुर के रास्ते हाइवा निकाल भाग जा रहे हैं.
अधिकारियों को नहीं पता ?
ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी शासन प्रशासन को नहीं. इसकी शिकायत कई बार अधिकरियों से की गई है. लेकिन खानापूर्ति करने कुछ चुनिंदा घाटों पर रायपुर खनिज विभाग के उड़नदस्ता टीम ने महासमुंद पुलिस के साथ खड़सा में दबिश देकर 3 चैन माउंटेन और 2 हाइवा जब्त किया था. ये सभी रायपुर जिले के आरंग विधानसभा के हरदीडीह रेत घाट के रास्ते महानदी में उतर कर महासमुंद जिले के खड़सा से रेत उत्खनन करते पकड़ा गया था. इसी तरह से ग्रामीणों के विरोध के बाद लखना और रावण से भी 4 चैन माउंटेन व 2 हाइवा को जब्त किया गया. बावजूद इसके अन्य रेत घाट पर भी रेत की चोरी बदस्तूर किया जा रहा है.आरंग और महासमुंद से लगे दर्जनों घाटों पर पर्यावरण की स्वीकृति नहीं है, लेकिन फिर भी इन घाटों पर रसूखदारों के द्वारा खुलेआम प्रशासन को चूना लगाते हुए अवैध खनन किया जा रहा है.
अवैध खनन करने वालों के हौसले बुलंद
अवैध रूप से रेत उत्खनन करने वाले लोगों का हौसला इतना बुलंद है कि, इन्हें किसी का भी खौफ नहीं. ये सारे नियमों को दरकिनार कर बेखौफ रेत खनन कर रहे है. ज्यादातर रेत घाट जिनके नाम है उनसे आपसी सहमति कर अन्य रसूखदार लोग दिन-रात रेत की चोरी कर करोड़ों का वारा-न्यारा करने में लगे है. और रेत के अवैध गोरख धंधे को अंजाम दे रहे हैं. रेत उत्खनन की लगातार शिकायत के बाद खनन करने वालों के खिलाफ आरंग को छोड़ महासमुंद, राजिम, गरियाबंद के SDM ने हाल ही में पंचायतों के सरपंच और सचिव को नोटिस जारी किया था.
बावजूद इसके हैरत की बात है कि, आरंग के हिस्से में महानदी से लगे रेत घाटों पर सुबह से देर रात तक सैंकड़ों हाईवा बेखौफ महानदी में उतरकर अवैध रेत उत्खनन कर रहे है, लेकिन प्रशासन आंख मूंदकर बैठी हुई है. आरंग क्षेत्र में प्रतिदिन एक-एक रेत घाट पर 100 से 200 हाईवा रेत लेकर निकल रहें हैं. अफसरों की मौन स्वीकृति से रेत चोरी करने वाले चांदी काट रहे हैं, तो वही छत्तीसगढ़ की साय सरकार को हर माह करोड़ों का चूना लगाया जा रहा हैं.