बिलासपुर। हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नाइट लैंडिंग के लिए आवेदन करने के निर्देश दिए हैं। हवाई सेवा मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से फ्लाइट के लिए टिकट बुक करने वाले यात्रियों के आंकड़े प्रस्तुत किए गए। कोर्ट को यह जानकारी दी गई कि एयरपोर्ट में आधारभूत संरचना के कार्य पूरे हो चुके हैं। अब राज्य शासन को नाइट लैंडिंग के लिए आवेदन करना चाहिए।
याचिकाकर्ता की ओर से पैसेंजर चार्ट प्रस्तुत किया। इसमें दोनों फ्लाइट के लिए पर्याप्त पैसेंजर होने की जानकारी दी गई। जबलपुर की फ्लाइट से आने-जाने वाले पैसेंजर की औसत संख्या 38 और 56 बताई गई। इसी तरह प्रयागराज आने जाने वाले यात्रियों की संख्या औसत 50 और 58 बताई गई। कोर्ट ने इस पर अलायंस एयर को जवाब देने के निर्देश दिए। प्रकरण की अगली सुनवाई 8 मई को रखी गई है। सुनवाई के दौरान फ्लाइट ब्रेक का मुद्दा प्रमुख तौर पर उठाया गया। याचिकाकर्ता के वकीलों ने बताया कि कोलकाता फ्लाइट सिर्फ दो दिन उड़ान के बाद ही रोक दी गई। दिल्ली और प्रयागराज के लिए फ्लाइट में भी कटौती की जा रही है। गौरतलब है कि महीने भर पहले बिलासपुर से कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरू की गई थी लेकिन अब इसे नियमित नहीं चलाया जा रहा है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि बिलासपुर से जबलपुर, प्रयागराज, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरू की गई, लेकिन कई फ्लाइट ऐसी हैं जिन्हें 5 दिनों में ही बंद कर दिया गया। विमान सुविधा बिलासपुर नहीं बल्कि पूरे संभाग की जरूरत है। बिलासपुर संभाग में आठ जिले आते हैं और यहां एनटीपीसी, एसईसीएल का हेड क्वार्टर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का बिलासपुर जोनल कार्यालय, हाईकोर्ट, जिंदल आयरन फैक्ट्री, पवार प्लांट और कई छोटी बड़ी निजी कंपनियां है। यहां हजारों लोग आना-जाना करते हैं। यह संभव ही नहीं की यात्री ना मिलें।