बिलासपुर 24 नवंबर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के लगातार सुनवाई और बिलासपुर एयरपोर्ट विकास पर हो रही देरी पर सवाल उठाए जाने का सार्थक परिणाम निकलता दिख रहा है। हवाई सुविधा विकास के लिए दाखिल जनहित याचिकाओं पर हुई आज की सुनवाई में राज्य के मुख्य सचिव विकासशील के तरफ से दाखिल शपथ पत्र में यह बताया गया है.
बिलासपुर 24 .कि राज्य के विमानन विभाग इसी वर्ष अनुपूरक बजट में 150 करोड रुपए की मांग बिलासपुर में हवाई सुविधा विस्तार के लिए कर रहा है। इस शपथ पत्र में यह भी बताया गया है कि नाइट लोडिंग सुविधा के आगामी दो से तीन माह में मिलने की उम्मीद है और इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के संपर्क में है।
एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं में कमी के बारे में अपना पक्ष रखते हुए मुख्य सचिव ने बताया है कि टर्मिनल भवन के अंदर सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही है और बंद पड़ी कैंटीन भी शीघ्र शुरू होने की संभावना है। इसके साथ ही टर्मिनल भवन के बाहर बहु प्रतीक्षित कैंटीन और टॉयलेट और सिटिंग एरिया आदि का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है जिसके दो माह में पूरा होने की संभावना है। बिलासपुर एयरपोर्ट के रनवे पर रीकैपिटिंग करने का पैसा भी मंजूर कर दिया गया है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के द्वारा दाखिल शपथ पत्र में नाइट लैंडिंग के संबंध में सभी प्रकार के टेस्ट पूरे हो जाने की बात कहते हुए सारे रिकॉर्ड मुख्यालय में प्रस्तुत कर दिए जाने की बात कही गई है। अब मुख्यालय से इन रिकॉर्ड के आधार पर बनी हुई रिपोर्ट मिल जाने पर एयरपोर्ट प्रबंधन नाइट लैंडिंग के लिए आवश्यक लाइसेंस का आवेदन केंद्र सरकार को कर सकेगा।
आज की सुनवाई के दौरान याचिका कर्ताओं की ओर से उपस्थित अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी डी गुरु की खंडपीठ को बताया की टर्मिनल भवन में अराइवल हाल और डिपार्चर हाल मैं यात्रियों के लिए जगह कम है और एक नए टर्मिनल भवन की अत्यंत आवश्यकता है। राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कहा कि एक बार बजट से धनराशि मंजूर हो जाने के बाद सभी आवश्यक कार्य कराए जाएंगे। खंडपीठ के द्वारा आज शपथ पत्र के माध्यम से दी गई जानकारी पर संतुष्टि जाहिर करते हुए मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को नियत की है और उम्मीद जाहिर की के इस वक्त तक भूमि हस्तांतरण आदि का मामला लिपट जाएगा।

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