बिलासपुर। बिलासपुर और आसपास के क्षेत्र में भूमाफियाओं द्वारा सरकारी जमीनों के कब्जे का मामला बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठाया। इस पर मंत्री ने जो जवाब दिया उससे असंतुष्ट होकर कहा कि उनका उत्तर सही नहीं है। सुशांत का सवाल था, 2021 से लेकर 25 नवंबर 2024 की स्थिति में बिलासपुर में सरकारी जमीन के कब्जे की कितनी शिकायतें हुई हैं। मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि 563 शिकायतें मिली हैं, इनमें से 307 अदालतों में लंबित है।
इस पर कहा कि मंत्री जी का जवाब सही नहीं है। उन्होंने ब्लॉक वाइज सैकड़ों मामले गिना दिए। सुशांत के सवाल पर मंत्री ने हालांकि यह कहकर बचने का प्रयास किया कि जो आंकड़े आप बता रहे, वह सवाल में नहीं है। इसके बाद विधायक धर्मजीत सिंह ने पूरक सवाल किया कि सुशांत का प्रश्न गंभीर है, आप इसकी जांच करा लीजिए।
मगर राजस्व मंत्री ना-नुकुर करते रहे। बाद में प्रेशर बढ़ने पर उन्होंने सदन में घोषणा की, कलेक्टर की अध्यक्षता में बिलासपुर में अवैध कब्जे की जांच कराई जाएगी।
हालांकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कलेक्टर कांफ्रेंस के बाद बिलासपुर कलेक्टर ने दो महीने पहले सीनियर अफसरों की कमेटी बनाकर जांच शुरू करवा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने जमीन मामलों में कलेक्टरों से प्राथमिकता के साथ कार्रवाई करने कहा था। सीएम ने जोर देकर कहा था कि भूमाफियाओं की काफी शिकायतें आ रही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।इसके बाद बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित की इनमें बिलासपुर एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनी है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कांग्रेस शासनकाल के दौरान शासकीय जमीनों को निजी व्यक्तियों को आवंटन के कांग्रेस सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुशांत ने जनहित याचिका दायर की थी। दायर याचिका में राज्य शासन के नियमों की आड़ में भूमाफियाओं द्वारा करोड़ों की सरकारी जमीन को कौड़ी के मोल खरीदने का आरोप लगाते हुए बड़े पैमाने पर प्रदेशभर में शासकीय भूखंडों के बंदरबाट का आरोप लगाया था।