बिलासपुर। प्रदेश में जमीन दान, बंटवारे या हक त्यागने वालों को भारी भरकम खर्च से मुक्ति मिल गई है। इस संबन्ध में सोमवार को आदेश रजिस्ट्री कार्यालय पहुंच गया। कैबिनेट में फैसला होने के बाद आदेश का इंतजार किया जा रहा था। फैसले के लगभग 2 सप्ताह बाद नोटिफिकेशन जारी हुआ है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए दान, बंटवारे और हक त्याग में लगने वाली फीस को बहुत कम कर दिया है। छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां इन तीनों के लिए पंजीयन शुल्क सिर्फ 500 रुपए लगेगा। पहले यह शुल्क बाजार मूल्य का 0.8 प्रतिशत था। यानी अगर दानशुदा संपत्ति की कीमत 1 करोड़ रुपए है तो 80 हजार रुपए पंजीयन शुल्क लगता था। लेकिन, अब संपत्ति की कीमत कितनी भी अधिक हो, पंजीयन शुल्क मात्र 500 रुपए लगेगा। हालांकि स्टांप शुल्क 0.5 प्रतिशत और 200 रुपए प्रति बंटवारा
पूर्ववत ही रखा है। सोमवार को बिलासपुर सहित प्रदेश के पंजीयन कार्यालयों में आदेश पहुंच गया। यह प्रक्रिया आमतौर पर पारिवारिक संपत्ति में विवाद पैदा न हो, इसलिए की जाती है। माना जा रहा है कि इस संबन्ध में आदेश जारी होने के बाद यह संख्या और बढ़ेगी।
ऐसे होगा संपत्ति हस्तांतरण
0 पारिवारिक दान पत्र के अंतर्गत पुत्र, पुत्री, पुत्र वधू, पौत्र, पौत्री को अचल संपत्ति उपहार दी जाती है। दादा, दादी, नाना, नानी अपने नाती, नातिन, पौत्र, पौत्री, पुत्र वधू, पुत्री आदि रक्त संबंधियों को संपत्ति का उपहार।
0 संयुक्त परिवार के सदस्यों में से कोई सदस्य दूसरे सदस्य को या बहनें अपने भाई को पैतृक संपत्ति में अपने हिस्से का हक त्याग कर सकती हैं।
0 किसानों की संपत्तियां भी अधिकतर संयुक्त होती हैं। ज्यादा शुल्क होने के कारण किसान आपस में बंटवारा कर लेते हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में बंटवारानामा नहीं होने से उनकी संपत्तियां पीढ़ी दर पीढ़ी संयुक्त परिवार के नाम से ही चलती रहती है, जो अब आसानी से अपने अपने नाम कराई जा सकेगी।
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संपत्ति के बंटवारे, दान, हस्तांतरण के मामले अब आसानी से और कम शुल्क पर हो सकेंगे। इस संबन्ध में आदेश जारी हो गया है। अब शासन द्वारा तय नई दरें लागू हो गईं हैं।
आर स्वर्णकार, जिला पंजीयक