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दुर्घटनाएं रोकने मुख्य सचिव के शपथपत्र की सच्चाई जानने हाईकोर्ट ने नियुक्त किए कोर्ट कमिश्नर, खराब सड़कों, बिना फिटनेस के वाहन, सड़कों पर मवेशियों की भीड़ बन रही दुर्घटनाओं का कारण

 




बिलासपुर। कवर्धा हादसे पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव के शपथपत्र में किए गए दावों की सत्यता जानने के निर्देश दिए। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इसके लिए दो कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उन्हें वस्तुस्थिति पता कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 18 सितंबर को निर्धारित की गई है।


कवर्धा में हुए सड़क हादसे को गंभीरता से लेते हुए पूर्व में हुई सुनवाई में डिवीजन बेंच ने कहा था कि प्रदेश में दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं हैं। पहले भी कई बार इस हाईकोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं पर निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी दुर्घटनाएं रोकने के लिए गाइड लाइन जारी की है। राज्य में इसका कितना पालन हुआ? हर बार एक शपथ पत्र दे दिया जाता है लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता। यह बताएं कि राज्य सरकार सड़क हादसे रोकने के लिए क्या उपाय कर रही है?








 मंगलवार को सुनवाई में डीबी में मुख्य सचिव का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया। इसमें उल्लेख किया गया है प्रदेश में सडक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए जा रहे है। कवर्धा जिले के कुकदूर के जिस क्षेत्र में बस खाई में गिरी थी, उस सड़क को बनवाने, स्ट्रीट लाइट, संकेतक लगाने सहित अन्य उपाय करने की जानकारी दी गई। चीफ जस्टिस ने कहा कि, हम कोर्ट कमिश्नरों को नियुक्त कर रहे हैं जो स्वयं जाकर यह द्खेंगे कि , वास्तव में क्या काम या कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट ने एडवोकेट प्रांजल अग्रवाल और रविन्द्र शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। इसके साथ ही कोर्ट ने एनएचएआई से भी आगामी सुनवाई 18 सितंबर को जवाब देने कहा है।



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पूर्व में कोर्ट ने शासन की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता से पूछा था कि क्या प्रदेश में रोड सेफ्टी कमेटी है,अगर है तो क्या कर रही है?प्रदेश सरकार ने दुर्घटनाएं रोकने के लिए अब तक कितने निर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन करने के लिए क्या किया है अब तक? कोर्ट ने राजमार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए एनसीआर में ऑटोमैटिक सिस्टम का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां क्यों नहीं हो सकता? वाहनों के फिटनेस पर भी सवाल उठाते हुए कोर्ट ने 15 साल पुराने वाहनों की फिटनेस जांच और सड़कों से मवेशी हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते सवाल किया कि क्या यहां ऐसी कोई जांच और प्रक्रिया हुई?







यह है मामला


कवर्धा में 20 मई को भीषण सड़क हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 18 महिलाएं और एक पुरुष थे। दरअसल यह हादसा पिकअप के पलट कर 30 फ़ीट गहरी खाई में गिरने की वजह से हुआ। पिकअप में करीब 36 लोग सवार थे, ये सभी तेंदूपत्ता तोड़कर वापस लौट रहे थे। हादसा कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी में हुआ था।

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