गंदगी और गड्ढों के बीच जीवन जी रहे बिलासपुर नागरिकनाले नालियों कीचड़ और कचरो से पटे हुए बड़े छोटे नाले नालियों में न स्लैब न ढक्कन सफाई कर्मचारी नाले नालियों मे भर दिया करते गंदा मलबा कचरादुर्गंध और मच्छर से बीमारियों का खतरा लार्वा केमिकल फागिंग का छिड़काव सिर्फ नाम के लिएनालियों का पानी रोड़ो में बह रहा गंदगी कचरा दुषित जल जगह-जगह गड्ढे टूटी फूटी रोड मूलभूत सुविधा के अभाव में गुर्जर बसर कर रहे स्मार्ट सिटी बिलासपुर के रहवासी
न्यायधानी की सड़कें दिखने में भले ही चकाचक लग रही हैं, लेकिन भीतर खोखला है। ये हम नहीं ताजा-ताजा गड्ढे खुद बयान कर रहे हैं। सड़कों पर गुजरने वालों को मानों मौत निमंत्रण दे रही है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। निगम की ऐसी सड़कें जिसमें गड्ढे हैं, उनकी मरम्मत जरूरी है। हादसा होने के बाद भी इस ओर न तो नगर निगम का ध्यान है और न ही लोक निर्माण विभाग का। जिला प्रशासन भी नागरिकों की समस्या से अनभिज्ञ है।नागरिकों को कैसे न्याय मिलेगा इसका जवाब भी किसी के पास नहीं है। शहर की कई सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं।
यह इतने खतरनाक है कि इसमें पूरी कार या ट्रक तक समा जाए। इसी तरह हेमूनगर, मंगला, सिरगिट्टी, व्यापार विहार का भी हाल है। सड़कों को लेकर पहले भी उच्च न्यायालय नगर निगम को फटकार तक लगा चुका है। ताकि एक बार फिर शहर की सड़क के होने वाले डामरीकरण कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए। सड़कों को जैसे-तैसे ठेकेदारों ने खानापूर्ति कर काम तो कर दिया, लेकिन भ्रष्टाचार का बीज बो गए। तभी तो जगह-जगह गड्ढे मौत को न्योता दे रहे हैं।